???? अंदाज़ बदल गया है, बदमाशियाँ बढ़ गई हैं!
भाई, समझी से देखो, हालात तो अजीब हो गए हैं। कुछ सालों से सब कुछ थका हुआ था, लेकिन अब हाल धुंधला है। उनके जगह पर नए-नए बदमाश आ रहे हैं, और कोई
भाई, समझी से देखो, हालात तो अजीब हो गए हैं। कुछ सालों से सब कुछ थका हुआ था, लेकिन अब हाल धुंधला है। उनके जगह पर नए-नए बदमाश आ रहे हैं, और कोई
यह ग़ज़ल है जो आत्मा को झुकाने के लिए बनती है . यह विश्वासघाती शायरी का मूर्तिकला है जो मन को मोह लेती है . इस रचना में कुछ पंक्तियाँ हैं �